नलिका को रोगाणुहीन, द्रव्य-पूरित प्रणाली से जोड़ना चाहिए, जो इलेक्ट्रॉनिक दाब संवेदक से जुड़ा हो.
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नलिका को रोगाणुहीन, द्रव्य-पूरित प्रणाली से जोड़ना चाहिए, जो इलेक्ट्रॉनिक दाब संवेदक से जुड़ा हो.
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जब रक्त-प्रवाह विद्यमान हो, पर वह सीमित हो, तब कलाई-बंद दाब, जिसकी जांच दाब संवेदक द्वारा होती है, बाहु धमनी के संकुचन और प्रसार चक्र के साथ आवधिक तौर पर परिवर्तित होता है, अर्थात्, डोलता है.प्रकुंचन और अनुशिथिलन दाबों के मानों का परिकलन किया जाता है, कलन-विधि के उपयोग द्वारा आंकडों से सीधे न मापते हुए; परिकलित परिणामों को दर्शाया जाता है.
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जब रक्त-प्रवाह विद्यमान हो, पर वह सीमित हो, तब कलाई-बंद दाब, जिसकी जांच दाब संवेदक द्वारा होती है, बाहु धमनी के संकुचन और प्रसार चक्र के साथ आवधिक तौर पर परिवर्तित होता है, अर्थात्, डोलता है.प्रकुंचन और अनुशिथिलन दाबों के मानों का परिकलन किया जाता है, कलन-विधि के उपयोग द्वारा आंकडों से सीधे न मापते हुए; परिकलित परिणामों को दर्शाया जाता है.
5.
दोलायमान पद्धतियों का उपयोग कभी दीर्घ-कालिक मापन में और कभी सामान्य अभ्यास में किया जाता है. यह उपकरण कार्यात्मक रूप से परिश्रवण पद्धति के समान ही है, लेकिन इसमें रक्त प्रवाह को पहचानने के लिए स्टेथोस्कोप और विशेषज्ञ के कानों के इस्तेमाल की जगह, एक इलेक्ट्रॉनिक दाब संवेदक (ट्रांसड्यूसर)लगा होता है.व्याहारिक तौर पर, दाब संवेदक एक अंशांकित इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है, जिसमें रक्त-चाप के सांख्यिकीय पाठ्यांकन की सुविधा होती है.
6.
दोलायमान पद्धतियों का उपयोग कभी दीर्घ-कालिक मापन में और कभी सामान्य अभ्यास में किया जाता है. यह उपकरण कार्यात्मक रूप से परिश्रवण पद्धति के समान ही है, लेकिन इसमें रक्त प्रवाह को पहचानने के लिए स्टेथोस्कोप और विशेषज्ञ के कानों के इस्तेमाल की जगह, एक इलेक्ट्रॉनिक दाब संवेदक (ट्रांसड्यूसर)लगा होता है.व्याहारिक तौर पर, दाब संवेदक एक अंशांकित इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है, जिसमें रक्त-चाप के सांख्यिकीय पाठ्यांकन की सुविधा होती है.
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दोलायमान पद्धतियों का उपयोग कभी दीर्घ-कालिक मापन में और कभी सामान्य अभ्यास में किया जाता है. यह उपकरण कार्यात्मक रूप से परिश्रवण पद्धति के समान ही है, लेकिन इसमें रक्त प्रवाह को पहचानने के लिए स्टेथोस्कोप और विशेषज्ञ के कानों के इस्तेमाल की जगह, एक इलेक्ट्रॉनिक दाब संवेदक (ट्रांसड्यूसर) लगा होता है.व्याहारिक तौर पर, दाब संवेदक एक अंशांकित इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है, जिसमें रक्त-चाप के सांख्यिकीय पाठ्यांकन की सुविधा होती है.
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दोलायमान पद्धतियों का उपयोग कभी दीर्घ-कालिक मापन में और कभी सामान्य अभ्यास में किया जाता है. यह उपकरण कार्यात्मक रूप से परिश्रवण पद्धति के समान ही है, लेकिन इसमें रक्त प्रवाह को पहचानने के लिए स्टेथोस्कोप और विशेषज्ञ के कानों के इस्तेमाल की जगह, एक इलेक्ट्रॉनिक दाब संवेदक (ट्रांसड्यूसर) लगा होता है.व्याहारिक तौर पर, दाब संवेदक एक अंशांकित इलेक्ट्रॉनिक यंत्र है, जिसमें रक्त-चाप के सांख्यिकीय पाठ्यांकन की सुविधा होती है.